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जैन धर्म और भगवान् महावीर : सन्देश,स्लोगन,या सूक्ति वाक्य

विश्व को जैन धर्म और भगवान् महावीर का महान सन्देश
प्रस्तुति -डॉ अनेकांत कुमार जैन
प्रायः तीर्थक्षेत्रों,सार्वजनिक स्थानों,पोस्टरों,बैनरों आदि पर जैन धर्म के सन्देश प्रकाशित करने के प्रसंग बनते रहते हैं |उन संदेशों में यह भाव भी रहता है कि इन संदेशों को देश-विदेश के सभी धर्मों के लोग पढ़कर प्रभावित हों अतः कुछ सन्देश,स्लोगन,या सूक्ति वाक्य यहाँ इस आशय के साथ संकलित करके प्रस्तुत किये गए हैं ताकि उनका उपयोग करने में आसानी हो-

.भगवान् दुनिया को बनाने या नष्ट करने वाला नहीं है ,वह सिर्फ जानता और देखता है | God is not a creator or destroyer of this world. He is only Knower and Viewer.

.मौन और आत्म-संयम अहिंसा है।
Silence and Self-control is non-violence.

.जीव की सबसे बड़ी भूल अपने वास्तविक रूप को ना पहचानना है, और यह केवल स्वयं को जानकर ही ठीक की जा सकती है।
The greatest mistake of a soul is non-recognition of  itself in real and can only be corrected by recognizing itself.

.प्रत्येक आत्मा स्वयं में अनंत ज्ञानी और अनंत सुखी है,वास्तविक ज्ञान और सुख बाहर से नहीं आता।
Every soul is in itself absolutely omniscient and blissful. The real knowledge and bliss does not come from outside.

.सभी जीवों के प्रति दयाभाव रखो |
Have compassion towards all living beings.
.सभी जीवों के प्रति सम्मान अहिंसा है।
Respect for all living beings is non‑violence.

.सभी जीव अपनी ही भूलों की वजह से दुखी हैं, और वे खुद अपनी भूल सुधार कर सुखी हो सकते हैं। All living beings are miserable due to their own faults, and they themselves can be happy by correcting these faults.

.दूसरों के दृष्टिकोण का सम्मान करें  | Respect  for other's view‑points.
.अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है | Non-violence is the highest religion.

१०.प्रत्येक आत्मा स्वतंत्र है | किसी और पर निर्भर नहीं है |Every soul is independent .None depends on another.

११.हमें प्रत्येक के प्रति वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा हम अपने प्रति चाहते हैं |We should regard all creatures as we regards our own self.

१२.मैं सभी जीवों को क्षमा करता हूँ ,सभी जीव मुझे क्षमा करें | I forgive all the living beings and let all the living beings forgive me. 

१३.मेरी सभी से मैत्री है ,किसी से बैर भाव नहीं है | I have amity with all and enmity with none.

१४.दूसरों के दृष्टिकोण का सम्मान करें |  Respect for other's view‑points.

१५.शांतिपूर्ण सह अस्तित्व और विश्व एकता के लिए अनेकांत का सिद्धांत सर्वोत्तम साधन है |The principle of Anekant (non-absolutism)is a great instrument to peaceful co‑existence and unity in the world.

१६.सत्य और वास्तविकता को विभिन्न दृष्टिकोणों से देखने पर ही समझा जा सकता है | कोई भी एक दृष्टिकोण सम्पूर्ण सत्य नहीं है | Truth and reality are perceived differently from different points of view, and no single point of view is the complete truth.

१७. शाकाहारी बनो | Be vegetarian.

१८.जियो और जीने दो | Let and Let Live .

१९.जीवों का परस्पर उपकार होता है | The function of souls is to help one another.

२०. आसक्ति ही परिग्रह है |वही सभी दुखों की जड़ है |Attachment is a possessiveness and this is the root of all pains.


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