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लव जिहाद के दूसरे पहलू भी देखें

लव जिहाद के मुकाबले के लिए समाज में खुला माहौल भी बनाएं - प्रो.डॉ अनेकान्त कुमार जैन,नई दिल्ली drakjain2016@gmail.com वर्तमान में लव जिहाद से पीड़ित समाज बहुत सदमे में है । वास्तव में यह वर्तमान के साथ साथ भविष्य के लिए भी बहुत चिंता का विषय है । गृहस्थों के साथ साथ ब्रह्मचारी और साधु वर्ग भी बहुत चिंतित हैं और तरह तरह के सुझाव प्रस्तुत कर रहे हैं । जितने सुझाव अभी तक दिखाई दे रहे हैं उन सभी का सार यही है कि परिवार में संस्कार दो । बेटियों को संस्कार दो । संस्कार और सिर्फ संस्कार का हल्ला गुल्ला मचा कर हम पुनः निश्चिंत हो जाएंगे । लेकिन सिर्फ  संस्कारों की दुहाई देने से क्या समाधान हो जायेगा ? क्या हमने कभी इसके दूसरे पहलुओं पर विचार किया ? जब सभी समाधान बता रहे हैं तो मैं भी कुछ युगानुरूप समाधान आप सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ जिन सुझावों को साधक वर्ग अपनी मर्यादाओं के कारण प्रस्तुत नहीं कर सकता । मुझे विश्वास है कि यदि इस पर अमल किया गया तो हम अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं । 1. प्रेम कब होता है ? जब हम आपस में मिलते हैं , एक दूसरे के विचारों से ,स्वभाव से प्रभावित होते ह

अटल जी से सीखें विरोधी के साथ व्यवहार कैसे करें ?

अटल जी से सीखें विरोधी के साथ व्यवहार कैसे करें ? हमारे समभाव की परीक्षा इस बात से होती है कि हम अपने विरोधियों के साथ क्या व्यवहार अपनाते हैं ?क्या  हम अपने विचारों से विपरीत विचार वाले के साथ उठ बैठ लेते हैं ? उसे बने रहने देना चाहते हैं या कि समाप्त करना चाहते हैं ? यदि हम उसे जड़ से ख़त्म करना चाहते हैं ,उसे मार डालना चाहते हैं तो हमारे समभाव की नीति बहुत संदेहास्पद है | हम समभाव को समझे ही नहीं |अपने विरोध को भी सहज स्वीकारे  और सहन किये बिना हम समभाव की साधना नहीं कर सकते | विरोधी के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए यह हमें अटल जी के जीवन से सीखना चाहिए । वे विरोध भी इस नज़ाकत के साथ करते थे कि विरोधी को भी उनसे प्यार हो जाता था।गांधी जी ने राजनीति में अहिंसा के प्रयोग की मिसाल कायम की थी ।अटल जी ने राजनीति में जैन दर्शन के अनेकान्त और स्याद्वाद सिद्धांत के कुशल प्रयोग की मिसाल बनायी । विपक्ष भी सरकार चलाता है - ये हमें अटल जी ने समझाया । आज विरोध करना सभी को आता है लेकिन उस विरोध में शालीनता,विनम्रता ,भाषा का संतुलन और कुछ नहीं कह कर भी विरोध जता देने की कला के महारथी थे अटल जी । आज