जैन तीर्थ संरक्षण हेतु आवश्यक 7 कदम - प्रो अनेकांत कुमार जैन ,नई दिल्ली 1. प्रत्येक तीर्थ से संबंधित इतिहास,पुरातात्विक प्रमाण,शोधपत्र,सभी चित्र,कोर्ट की कार्यवाही आदि सहित एक प्रामाणिक पुस्तक प्रकाशित करके ,देश के सभी अभिलेखागारों ,सरकारी पुरातत्त्व संग्रहालयों ,विश्वविद्यालयों के पुस्तकालयों में भिजवा दीजिये । ये भविष्य में सत्य के खोजियों के लिए सहायक बनेगा । 2. जिन तीर्थों पर कब्जे हो गए हैं लेकिन इतिहास और कोर्ट हमारे पक्ष में है ,इससे संबंधित प्रमाण संस्कृत में उल्लिखित करवा कर एक दो ताम्रपत्र अपने कब्जे वाले स्थान में गढ़वा दीजिये । ये भविष्य में काम आएगा जब हमारा प्रभुत्व होगा । 3.जहाँ हमारे तीर्थ हैं और जैन समाज नगण्य है वहाँ कुछ कमजोर स्थिति वाले जैन परिवारों को रोजगार देकर बसाया जाय ताकि एक दिन वहाँ हमारी समाज बन सके और तीर्थ के प्रति समर्पित जैन वहाँ रहें । वे भविष्य में तीर्थों के स्थानीय संरक्षक बनेंगे । 4. एक उच्च स्तरीय ऐसी अंतरराष्ट्रीय कमेटी बने जिसमें बहुत अधिक प्रभावशाली जैन प्रशासनिक,वकील ,नेता,प्रोफेशनल,और बहुत बड़े उद्योगपति हों । वे समस्याओं को बड़े