कैसा है महावीर का ईश्वर ? आज महावीर जयंती पर इसे पढ़ ही लीजिये, अब महावीर को समझ ही लीजिये कैसा है महावीर का ईश्वर ? डॉ अनेकांत कुमार जैन ईसा पूर्व छठी शती में भारत के वैशाली गणराज्य के कुण्डग्राम में एक ऐसे राजकुमार ने जन्म लिया जो राज्य के शासन में तो जनतंत्र की शुरुआत कर ही चुका था ,साथ साथ वह दुनिया में राजतंत्र की ही भांति आध्यात्म क्षेत्र में एक ईश्वर की भ्रांत अवधारणा को भी अपने आत्मज्ञान के माध्यम से चुनौती दे रहा था और वह थे भगवान् महावीर जिन्हें वीर ,अतिवीर ,सन्मति ,वर्धमान ,णायपुत्त आदि नामों से भी जाना जाता है | “स्वयं सत्य खोजें” उनका एक क्रांतिकारी उद्घोष था जिस पथ पर उन्होंने स्वयं चल कर दिखाया | अक्सर यह आशंका की जाती है कि वे ईश्वर को मानते थे अथवा नहीं ? ईश्वर के बारे में उनकी अलग मौलिक परिभाषा और विचार थे जिसे सुन पढ़कर ईश्वर को सृष्टि का कर्ता बताने वाले यह कहने लगे कि वे ईश्वरवादी नहीं थे | क्या ईश्वर को कर्ता मानना ही ईश्वर को मानना है ? यह प्रश्न महावीर जैसे वीर ने उन दिनों उठाया जब पूरा भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व इस मान्यता का गुलाम हो च...