*गिरनार पर उपलब्ध प्रकाशित प्रामाणिक साहित्य*
1. गिरनार गौरव -डॉ कामता प्रसाद जैन ,प्रकाशक - बंडी धर्मशाला,जूनागढ़
2. गिरनार वंदन - डॉ रमेश चंद जैन ,प्रकाशक - श्री दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी,मुम्बई
3. विविध तीर्थकल्प - 13वीं शती के इस ग्रंथ में वहाँ का आंखों देखा हाल संस्कृत में जिनप्रभसूरी जी ने लिखा है । इसका प्रकाशन सिंधी जैन ग्रंथमाला से हुआ था ।
4.Girnar Evidence - Dr Vimal Jain ,Pub. Digambar jain Mahasabha
इन ग्रंथों में काफी मात्रा में प्रमाण उपलब्ध हैं ।
इसके अलावा भी श्री आर के जैन जी ने महावीर जी में तीर्थ क्षेत्र कमेटी की तरफ से गिरनार पर एक संगोष्ठी का आयोजन करवाया था जिसमें बहुत विद्वान् एकत्रित हुए थे और मैं भी गया था ।
वहाँ काफी प्रामाणिक सामग्री एकत्रित करवाई गई थी । उसका ग्रंथ यदि प्रकाशित हुआ हो तो वह भी महत्त्वपूर्ण रहेगा ।
इसके अलावा भी कई प्रकाशन हुए होंगें ,मेरी जानकारी में अभी इतने ही आ पाए हैं ।
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