*क्या सभी एकान्त मिलकर अनेकान्त बन जाता है?* -प्रो. वीरसागर जैन अनेकांतवाद की चर्चा करते समय प्राय: यह प्रश्न उपस्थित होता है कि क्या सभी एकांतों को मिला देने से अनेकांत बन जाता है और इस प्रश्न का उत्तर विद्वानों में अंत तक मतभेदपूर्ण ही बना रहता है, कोई समाधान नहीं निकल पाता है । कुछ विद्वान कहते हैं कि हाँ, सभी एकांतों को मिलाने से ही तो अनेकांत बनता है, एकांतों के समूह को ही तो अनेकांत कहते हैं । किन्तु इसके विपरीत कुछ विद्वान कहते हैं कि नहीं, ऐसा कदापि नहीं हो सकता, एकांतों को मिला देने से अनेकांत नहीं बन सकता, क्योंकि एकांत तो मिथ्या होते हैं और मिथ्याओं का समूह मिथ्या ही रहेगा, सम्यक् नहीं हो सकता, दस-दस वर्ष के दो लड़के मिलकर बीस वर्ष का एक नहीं बन सकता । दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी बात दृढ़ता से प्रस्तुत करते हैं और समर्थन में कुछ गाथा, श्लोक, उदाहरण आदि भी प्रस्तुत करते हैं । शास्त्रों में भी इन दोनों के संकेत मिल जाते हैं । इस प्रकार इस महत्त्वपूर्ण प्रश्न के सम्बन्ध में विद्वानों तक में मतभेद बना रहता है, बात स्पष्ट नहीं होती कि आखिर सही बात क्या है । सभी एकांतों के मिलने से...
प्रो.अनेकान्त आचार्य हस्ती स्मृति सम्मान 2025 से सम्मानित अखिल भारतीय श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ द्वारा प्रवर्तित संघ के सर्वश्रेष्ठ साहित्यिक अवार्ड 'आचार्य हस्ती स्मृति सम्मान 2025' जैनदर्शन और प्राकृत भाषा के युवा मनीषी प्रो अनेकान्त कुमार जैन ,आचार्य - जैनदर्शन विभाग,श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय,नई दिल्ली को उनके साहित्यिक अवदान के लिए दिनाँक 27/09/2025 को संघ द्वारा विशाल स्तर पर जोधपुर में आयोजित गुणी अभिनंदन समारोह में मुख्य अतिथि विधायक श्री अतुल भंसाली जी ,संघ संरक्षक श्री मोफतराज जी मुणोत , अध्यक्ष श्री नवरत्न डागा,मुख्य अतिथि प्रो प्रेमसुमन जैन जी गुणी अभिनंदन चयन समिति की अध्यक्ष श्रीमती सुशीला बोहरा ,राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री आनंद चोपड़ा ने शाल ,माला ,शील्ड तथा चेक से सम्मानित किया । ज्ञातव्य है कि पूर्व में राष्ट्रपति तथा उ.प्र. राज्यपाल द्वारा सम्मानित प्रो.अनेकान्त कुमार जैन लब्ध प्रतिष्ठित वरिष्ठ मनीषी प्रो डॉ फूलचंद जैन प्रेमी जी ,तथा विदूषी डॉ मुन्नीपुष्पा जैन ,वाराणसी के ज्येष्ठ सुपुत्र हैं ...