वर्तमान में यदि सुविधाएं न हों तो आने वाली पीढ़ी तीर्थ जाएगी ही नहीं ,हमें घटती शक्ति और भक्ति दोनों में संतुलन की दृष्टि से देखना चाहिए ।
यदि आप सुविधाएं नहीं देंगे तो दूसरे तो असुविधा में भी तीर्थ जाएंगे और कब्जा करेंगे ।
सुविधावादी जैन जाएंगे ही नहीं, असुविधाओं के कारण जाने वाले जैनों की संख्या आप चाह कर भी नहीं बढ़ा सकते ।
अगर आप रोप वे का विरोध करते हैं , एयरपोर्ट का विरोध करते हैं तो ठीक है ,फिर आने वाले समय में जैन नहीं सिर्फ अजैन ज्यादा जाएंगे ।
आज यदि राजधानी ट्रैन का ठहराव हुआ है तो जैन की यात्रा यात्री और आवृत्ति संख्या में ही बढ़ोत्तरी हुई है ।
वक्त के अनुसार विकास और सुविधा भी बहुत आवश्यक है ।
कभी कभी अति आदर्शवाद स्वयं अपने लिए ही घातक बन जाता है ।
विचारना
प्रोफ अनेकांत जैन
28/03/24
नए जैन तीर्थों की दुर्दशा
https://youtu.be/hoPvz_gvKr4?si=dvNTJNxmCuglCGyn
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