*प्राकृत भाषा को पहचानने के पांच स्वर्णिम नियम*
१. प्राकृत भाषा में हलंत ( ् ) का प्रयोग कभी नहीं होता । जैसे *मंगलम्* कभी भी और कहीं भी नहीं लिखा जाता है । हमेशा *मंगलं* लिखा जाता है ।
२. कभी भी विसर्ग ( : ) का प्रयोग नहीं होता है जैसे *रामः* कभी नहीं लिखा जाता हमेशा *रामो* लिखा जाता है ।
३. हमेशा एकवचन और बहुवचन का प्रयोग होता है कभी द्विवचन का प्रयोग नहीं होता ।
४. स्वरों में *ऐ,औ,अ:,लृ,ॡ और ऋ, ॠ* का प्रयोग कभी नहीं होता ।
५. व्यंजन में *ञ् ,ङ् , क्ष ,त्र , ष* का प्रयोग नहीं होता । मागधी प्राकृत को छोड़कर कहीं भी *श* का प्रयोग भी नहीं होता ।
डॉ अनेकांत कुमार जैन ,नई दिल्ली
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