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सुशांत से हमने क्या सीखा ?

सुशांत से हमने क्या सीखा ?

करोड़ों की मज़राती कार, रेंज रोवर, BMW बाइक
90 करोड़ की प्रॉपर्टी
और ग्लैमर ।

सुना है इसके अलावा सुशांत सिंह राजपूत हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का इकलौता ऐक्टर था, जिसने चाँद पर लूनर प्रॉपर्टी के थ्रू पीस ऑफ लैंड खरीद रखा था ।

पर इन सब के ऊपर डिप्रेशन भारी पड़ा और सुशांत फांसी लगा के खत्म हो गया ।

*अध्यात्म विद्या को जीवन में आत्मसात कीजिए ।*

*ज्ञान का फल है "मुस्कान" उसे अपने चेहरे पर बनाए रखिए ।*

सिर्फ दो नियम

१.
अपने से मिलते रहिए( ध्यान योग)( रहें भीतर)
२.
अपनो से मिलते रहिये, बात करते रहिए । ( व्यवहार योग - जिएं बाहर )

*जग- जीवन की क्षण भंगुरता को समझे रहिए ।*

*कोई किसी का सगा नहीं - अंदर में निर्णय करके रखिए* 

*मेरा सो जावे नहीं*

*अप्पसहावो गच्छइ ण कया खलु मत्त गच्छइ विहावो |*
*जो गच्छइ सो य ण मम जो मम सो ण गच्छइ खलु सहावो ||*

भावार्थ –

आत्मा का मूल शुद्ध स्वभाव कभी नहीं जाता, निश्चित ही मात्र विभाव जाता है और जो चला जाता है वह मेरा नहीं है और जो मेरा है वह जाता नहीं है ,निश्चय से वही मेरा स्वभाव है | 

*डिप्रेशन का अर्थ है आपने अध्यात्म सिर्फ पढ़ा है जिया नहीं*

संसार में आध्यात्मिक जीवन जीने का एक ही संदेश है 

*जिओ बाहर , रहो भीतर*  
       
*जीववहो अप्पवहो,हिंसा ण हवइ सुद्धोवओगम्मि |*
*धारयदु य अहिंसा*,
*जीउ संसारम्मि , ठिदो अप्पम्मि ||*

भावार्थ
जीववध आत्मवध ही है ,(इसलिए सभी जीवों की हिंसा से बचो )शुद्धोपयोग में हिंसा नहीं होती है ,इसलिए अहिंसा (शुद्धोपयोग )को धारण करो और जियो भले ही संसार में लेकिन रहो अपनी आत्मा में अर्थात् जियो बाहर लेकिन रहो भीतर |

*डॉ अनेकांत कुमार जैन, नई दिल्ली*

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