*भविष्य के संकेत को देखें*
उत्तराखंड में पूज्य दिगम्बर संतों के साथ एक यूट्यूबर युवक द्वारा जो अभद्र व्यवहार किया गया ,उसके खिलाफ जो विश्व जैन संगठन ने त्वरित कार्यवाही की है वह काबिले तारीफ है ।
इस तरह की कार्यवाही से एक संदेश आम जनता में जाता है कि हमें इस तरह का आचरण नहीं करना चाहिए ।
आश्चर्य है कि इस तरह के प्रकरणों को पूर्व स्थापित बड़ी संस्थाएं गंभीरता से संज्ञान में नहीं ले पाती हैं और त्वरित कार्यवाही भी नहीं कर पा रही हैं ।
वह वीडियो मैंने भी देखा है ।
उसमें कुछ बातें निकल कर हैं -
1. उन दोनों संतों के साथ कोई श्रावक नहीं दिख रहे ।
2. क्या संघ में दो ही मुनि साथ थे ,या अन्य मुनि गण भी थे और पीछे से आ रहे थे ।
3. बिना श्रावकों के ,बिना ध्वजा के कोई भी विहार न हो यह जिम्मेदारी समाज को उठानी ही होगी ।
4. दिगम्बर जैन मुनि वेश के बारे में अभी भी आम जन में बहुत भ्रांतियां हैं । इस विषय में जनजागरण हेतु विशेष अभियान चलाने चाहिए ।
5. दिगम्बर जैन मुनि चर्या संघ और धर्म की सकारात्मक जानकारी देने वाले सरल और संक्षिप्त ,प्रभावशाली और भावुक साहित्य ,वीडियो,एनीमेशन,इंटरनेट वेबसाइट आदि के द्वारा कई भाषाओं में अत्यधिक प्रचार प्रसार करना ।
6. स्कूलों में ,कॉलेजों में जैन धर्म की जानकारी के विशेष सत्र रखवाना ,तथा उनके सभी तरह के प्रश्नों के उत्तर देकर उन्हें संतुष्ट करना ।
7. शिक्षा केन्द्र से समझ कर जो भविष्य बाहर आएगा वह पूर्व संस्कारित होगा ।
यह विषय सिर्फ आलोचना तक सीमित न रहे बल्कि सभी लोग अपनी अपनी सामर्थ्य और योग्यतानुसार इस विषय पर दूरगामी कार्य योजना बनाकर कार्य करें तो भविष्य में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे अन्यथा आने वाले दिन इस घटना से भी ज्यादा खतरनाक और अशोभनीय हो सकते हैं ।
प्रो अनेकांत कुमार जैन ,नई दिल्ली
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