*फोन पर पीएचडी*
- प्रो अनेकांत कुमार जैन
drakjain2016@gmail.com
➡सर
मैं पीएचडी करना चाहती हूं ।
✅बहुत अच्छी बात है ।
➡इसके लिए मुझे क्या करना होगा ?
✅आप पीएचडी क्यों करना चाहती हैं ?
➡ सर, मुझे बहुत शौक है कि मेरे नाम के आगे भी डॉक्टर लगे ।
✅शौक के लिए करना है ?
➡जी
✅चलिए , ठीक है । किसी दिन विभाग में समय लेकर आइए , विस्तार से चर्चा करेंगे ।
➡मगर , सर , विश्वविद्यालय बहुत दूर है , फोन पर चर्चा नहीं हो सकती । आपके पास जब समय हो मैं बात कर लूंगी ।
✅ठीक है , कल शाम को ४ बजे बात कीजिएगा ।
तीन दिन बाद
➡हैलो सर , मैं बोल रही हूं , आपसे पीएचडी के बारे में बात की थी ।वो कौन सा विषय लेना चाहिए ?
✅आप आज फोन कर रही हैं ?
➡sorry sir वो क्या था न कि घर पर कुछ रिश्ते दार आ गए थे तो मैं भूल गई , अभी अचानक याद आया ।
✅चलिए , ठीक है , बतलाए , क्या कहना है ?
➡वो मैं ये पूछ रही थी कि पीएचडी के लिए रोज विश्वविद्यालय आना पड़ेगा ?
✅जी,
➡ क्या , ये पत्राचार से भी हो सकता है ?
✅नहीं , यह नियमित कोर्स है ।
➡तब मैं कैसे करूंगी ?
मैं तो रोज आ नहीं सकती ।
✅तो मत कीजिए , आपसे किसने कहा पीएचडी करने के लिए ?
➡Sir, शौक है ।
✅मुझे लगता है आपको सिर्फ फोन करने का शौक है ।
शांति से खुद रहिए और मुझे भी रहने दीजिए ।
➡ सर, लेकिन आपने खुद भी तो पीएचडी की थी , वो कैसे की ?
✅क्यों कि मुझे शौक नहीं था, जुनून था कुछ नया कर गुजरने का ।
🙏
*पीएचडी शोध के लिए है,शौक के लिए नहीं।*
🙏
*ये शोध नहीं आसां,बस इतना समझ लीजे।एक आग का दरिया है,और डूब कर जाना है*
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