आज अभी colors TV पर ‘ओ माई गाड’ फिल्म देखी|मेरा बस चलता तो मैं
यह फिल्म दुनिया के सभी धर्माचार्यों को दिखाता|भगवान पर बनी अब तक की सभी फिल्मों
में अलग |यह एक संयोग ही लगा कि इसमें भगवान के नाम पर चल रहे पाखंडों की धज्जियाँ
उड़ाने वाले किरदार का नाम कांजी भाई(गुजराती ) था जिसे अभिनय में कुशल ‘परेश रावल’
ने बखूबी निभाया | कांजी भाई नाम के ही एक सदाचारी स्वाध्यायी व्यक्ति ने सोनगढ़ (गुजरात)
से धार्मिक पाखंडों के खिलाफ एक महान क्रांति की थी | बाद उनके भक्त भी उन्हें ही
भगवान मानने लग गए जैसा कि फ़िल्म में भी दर्शाया गया है | 3/2/2013
क्या मन्त्र साधना आगम सम्मत है ? ✍️ प्रो . डॉ अनेकान्त कुमार जैन , नई दिल्ली # drakjain2016@gmail.com बहुत धैर्य पूर्वक भी पढ़ा जाय तो कुल 15 मिनट लगते हैं 108 बार भावपूर्वक णमोकार मंत्र का जाप करने में , किन्तु हम वो हैं जो घंटों न्यूज चैनल देखते रहेंगें , वीडियो गेम खेलते रहेंगे , सोशल मीडिया पर बसे रहेंगे , व्यर्थ की गप्प शप करते रहेंगे लेकिन प्रेरणा देने पर भी यह अवश्य कहेंगे कि 108 बार हमसे नहीं होता , आप कहते हैं तो 9 बार पढ़े लेते हैं बस और वह 9 बार भी मंदिर बन्द होने से घर पर कितनी ही बार जागते सोते भी नहीं पढ़ते हैं , जब कि आचार्य शुभचंद्र तो यहाँ तक कहते हैं कि इसका पाठ बिना गिने अनगिनत बार करना चाहिए | हमारे पास सामायिक का समय नहीं है । लॉक डाउन में दिन रात घर पर ही रहे फिर भी समय नहीं है । हम वो हैं जिनके पास पाप बांधने के लिए 24 घंटे समय है किंतु पाप धोने और शुभकार्य के लिए 15 मिनट भी नहीं हैं और हम कामना करते हैं कि सब दुख संकट सरकार दूर करे - ये उसकी जिम्मेदारी है । कितने ही स्थानों पर णमोकार का 108 बार जाप के साथ सा मा यिक का समय उनके पास भी नहीं है जो सु
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Bahubali Jain