*तुम भी यार कॅरोना निकले*
झूठ ही बिकता रहा बाज़ार में,
दाम बहुत पर ऊपर निकले ।
सच्चाई की भीख मांगने,
लेकर हम कटोरा निकले ।।
अंदर बैर बैठा ही रहा,
मंदिर मस्जिद सैर को निकले ।
क्रीम पाउडर हल्दी उबटन ,
देखें कौन सलोना निकले ।।
एहसानों को सह न पाए ,
अच्छे अच्छे सपोला निकले ।
उफ रिश्तों से इतनी दूरी,
तुम भो यार कॅरोना निकले ।।
कुमार अनेकान्त
14/08/2020
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