मोदी जी हारे नहीं है, मोदी हारा नहीं करते
डॉ अनेकांत कुमार जैन ,नई दिल्ली
drakjain2016@gmail.com
दिल्ली के चुनाव में केजरीवाल जी ने नहीं भाजपा ने मोदी को हराया है अन्यथा मोदी कभी हारा नहीं करते । एक छोटे से राज्य के चुनाव में बिना वजह केजरीवाल जी के सामने मात्र मोदी जी को प्रस्तुत करना यह भाजपा की सबसे बड़ी भूल थी ।
भाजपा को यह बात समझनी पड़ेगी कि वे मुख्यमंत्री के रूप में पिछले पांच सालों में दिल्ली भाजपा से एक भी चेहरा सामने नहीं ला पाए । मोदी जी अकेले क्या क्या करेंगे ? आगे भी सफर बहुत तय करना है ।
शाहीन बाग दिल्ली के चुनाव का मुद्दा नहीं था वह राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा है उसे जबरदस्ती दिल्ली के चुनाव का मुद्दा बनाना बहुत बड़ी भूल थी ।
राज्यों के चुनाव मूलभूत समस्याओं को लेकर लड़े जाते हैं भारतीय जनता पार्टी ने उसमें से एक भी समस्या को सलीके से सामने नहीं रखा। टीवी चैनलों पर भाजपा के प्रवक्ता जिस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे थे पूरी दिल्ली को उनकी भाषा उनके आक्रामक तरीके से लोगों को सारी बात समझ में आ रही थी ।
भाजपा ने अपनी पूरी शक्ति बिना वजह लगाई । भाजपा ने बिना वजह इस चुनाव को हिंदू और मुसलमान का चुनाव बनाने की कोशिश की । भारत पाकिस्तान की लड़ाई बनाने की कोशिश की । इस तरह एक के बाद एक भूल भाजपा करती रही और केजरीवाल जी बड़ी विनम्रता के साथ और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते रहे। भाजपा ने दिल्ली में फिर वही भूल की जो 2015 में की थी। भाजपा के इस रवैया से ऐसा लगता है कि 2015 में जो चुनाव में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था , उससे उसने कुछ भी सबक नहीं सीखा, कहीं ना कहीं राष्ट्र की इतनी बड़ी पार्टी आत्ममुग्धता और अति आत्मविश्वास की शिकार दिखी ।
आज यह कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस भले ही डूब गई हो लेकिन भाजपा ही कांग्रेस के रूप में एक नए अवतार में सामने आई है । भाजपा अपने मूल स्वरूप को खो रही है। भाजपा का सबसे बड़ा उज्ज्वल पक्ष विनम्रता और भाषा की गरिमा रहा है । लेकिन दिल्ली के चुनाव में जिस तरह की भाषा का प्रयोग हुआ उससे भाजपा ने स्वयं अपनी छवि धूमिल की है । नि:संदेह राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी ही एक ऐसी मजबूत सरकार दे पाई है जिसने आत्मविश्वास पूर्वक भारत की कश्मीर जैसी बड़ी समस्या का समाधान किया, अयोध्या की समस्या का समाधान किया, तथा नागरिकता संशोधन जैसे कठिन बिल को पास किया । यह भाजपा की बहुत बड़ी उपलब्धि है और भारत राष्ट्र को उसका बहुत बड़ा योगदान माना जाएगा । तीन तलाक के विषय में भी भाजपा ने जिस खूबसूरती से आत्मविश्वास के साथ मुस्लिम महिलाओं के साथ न्याय किया है । उसके योगदान को भी भूला नहीं जा सकता ।
लेकिन यह बात भाजपा को आगे के चुनाव में भी समझनी होगी कि अकेले मोदी जी की छवि के बल पर यदि वह आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे तो जरूरी नहीं है कि वह सफल हो ही जाएं । उन्हें नए नए लोगों को अवसर देने होंगे। भाजपा को खुद गढ़े छिटपुट मुद्दों से खुद को आजाद करना पड़ेगा। स्थानीय मुद्दों पर विशेष ध्यान देना होगा लोगों की मूलभूत समस्याओं को समझना होगा |
देश जान ले
दिल्ली आज भी शाहीन बाग के खिलाफ है । केजरीवाल जी का जीतना शाहीन बाग का समर्थन नहीं है ।
केजरीवाल जी के जीतने से हिंदुत्व कमजोर नहीं हुआ है । बल्कि सही हिंदुत्व मजबूत हुआ है ।
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही टैक्स को सरकार की कमाई समझते हैं । इसलिए बोझ बढ़ाते जाते हैं । केजरीवाल ने इस बोझ को सूझ बूझ के साथ कम किया तो आपको तो मिर्ची लगी लेकिन जनता को भा गई ।
एक पढ़े लिखे समाज को आप कट्टरता सिखा रहे हैं , उसने उन्हें सुविधा और विकास दिया और सिखाया । आज दिल्ली के सरकारी स्कूल और अस्पताल अलग ही दिखाई देते हैं ।
लोगों को बिजली पानी की बेहतर सेवा पहली बार मिली तो वे सशंकित हो गए कि यदि कोई और जीता तो ऐसा न हो ये सुविधाएं बिगड़ जाएं ।
माफ़ कीजिएगा जर्जर स्कूल और बिना शिक्षक के पढ़ाई , बिना दवा और दुआ के अस्पताल , गुल बिजली और सूखे नल और भारी बिल
के साथ हिंदुत्व और राष्ट्र वाद किसी के भी गले नहीं उतर सकता है ।कोई बुखार में तप रहा हो ,भूखा भी हो तो उसे दवा और रोटी देनें के बजाय आप उसे राष्ट्र के नाम पर मर मिटने को कहेंगे तो यह उसके और राष्ट्र दोनों के साथ अन्याय होगा । उसे अपने राम पर श्रद्धा और अटूट विश्वास है लेकिन आपसे अपेक्षा रखता है कि आप काम के साथ राम का नाम लें ।
दिल्ली में महिलाओं का मुफ्त में बस यात्रा करना यदि मुफ्त खोरी है तो जनता के टैक्स के करोड़ों अरबों रुपए अपनी सुख सुविधाओं और अय्याशी पर खर्च करने वाली हरामखोरी से कहीं ज्यादा अच्छी है ।
इन सभी चर्चाओं के बीच यह भी सच है कि मोदी जी हारे नहीं हैं । क्यों कि मोदी हारा नहीं करते ।
मोदी जी एक ऐसे राष्ट्र पुत्र हैं जो भारत माता का मस्तक पूरे विश्व में ऊंचा कर रहे हैं । आज और अभी लोकसभा का चुनाव हो तो यही दिल्ली सातों सीटें भाजपा को दे देगी ।
इसलिए दिल्ली की जनता को मुफ्तखोर कहकर गाली न दें बल्कि उससे कुछ सीखें ।
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