प्राकृत विश्व में जीवंत, जयवंत,प्रभवंत वर्ते जुलाई 27, 2024 आगमभासापाइय तित्थयरभगवदो महावीरस्स | जयवंतो जीवंतो पहवंतो वत्ते विस्सम्मि || - तीर्थंकर भगवान् महावीर के आगमों की भाषा प्राकृत विश्व में जीवंत, जयवंत,प्रभवंत वर्ते प्रो.डॉ. अनेकांत कुमार जैन 28/07/24 और पढ़ें
अपना मन न कमजोर करें जुलाई 27, 2024 अपना मन न कमजोर करें ©कुमार अनेकांत वक्त चाहे कितना बोर करे वो चाहे कितना इग्नोर करे लोग चाहें कितना शोर करें अपना मन न कमजोर करें यहां जीत यदि न भी पाओ लोगों से यदि पिछड़ जाओ जग की छद्म आपाधापी में अपना मन न कमजोर करें जग जीते और खुद से हारे फिर क्या बचा बोलो प्यारे अपनी दुनिया में जिया करें अपना मन न कमजोर करें जो चाहो वो पूरा हो न सके समझें विधि नियत विधान यह होनहार स्वीकार करें अपना मन न कमजोर करें क्या हुआ कोई बिछड़ गया जो मिलना वो नहीं मिला असली निधि खुद में खोजें अपना मन न कमजोर करें जीत वही मनोबल न खोए आत्मानुभूति लक्ष्य संजोए जग प्रपंच को अब बस करें अपना मन न कमजोर करें 27/7/24 और पढ़ें