*पागद-साहिच्चम्मि lock down, Quarantine तहा Isolation* (प्राकृत साहित्य में lockdown, Quarantine तहा Isolation ) वत्तमाणकालम्मि करोणा वायरसेण संपुण्ण विस्सो भयवंतो अत्थि | भारदे लॉक डाउण हवन्ति | पाचीण पागद-साहिच्चम्मि सावयस्स बारसवयणं वण्णणं सन्ति तम्मि गुणव्वयम्मि दिगवयस्स तहा देसवयस्स तुलणा लॉकडाउणेण सह हवदि | कत्तिकेयाणुपेक्खम्मि (गाहा -३६७-३६८ )उत्तं – *पुव्व-पमाण-कदाणं सव्वदिसीणं पुणो वि संवरणं।* *इंदियविसयाण तहा पुणो वि जो कुणदि संवरणं।।* *वासादिकयपमाणं दिणे दिणे लोह-काम-समणट्ठं।।* वसुणन्दिसावगायारे(गाहा- २१४-२१५ ) उत्तं – *पुव्वुत्तर-दक्खिण-पच्छिमासु काऊण जोयणपमाणं।* *परदो गमणनियत्तो दिसि विदिसि गुणव्वयं पढमं। ।* *वयभंग-कारणं होइ जम्मि देसम्मि तत्थ णियमेण।* *कीरइ गमणणियत्ती तं जाणा गुणव्वयं विदियं।।* आयरियो वट्टकेरो मूलायारे एगो पण्ह- उत्तरं उत्तं - पण्ह - *कहं चरे कहं चिट्ठे कहमासे कहं सए।* *कहं भुंजतो मासंतो पावं कम्मं न बंधई | |’* (गाहा १०/१२१) केण पकारेण जीवणं जीवेइ जेण पावकम्मं ण बंध ई ? आ...