आपका बेटा सिर्फ कट्टर है और कुछ नहीं ? - प्रो डॉ० अनेकांत कुमार जैन , नई दिल्ली एक दिन एक नवनिर्मित जैन तीर्थ पर सपरिवार जाना हुआ । साथ में एक जैन मित्र का बेटा जो कि स्वयं इंजीनिरिंग का एक होनहार छात्र है,भी साथ गया । सहसा वहां विराजित एक आचार्य परमेष्ठि के दर्शन तथा उनसे तत्व चर्चा का भी सौभाग्य मिला । मेरे पूरे परिवार ने दर्शन कर आशीर्वाद लिया । किन्तु मेरे मित्र का बेटा दर्शन करने नहीं आया । मेरी पत्नी उसे डांट कर लेकर आयी ,तो वह आ गया । आ गया किन्तु उसने झुक कर नमोस्तु नहीं किया । बाद में घर लौटते समय वह कार में बगल की सीट पर बैठा था ,मैंने पूछा - ऐसा क्यों किया ? उसने कहा - वे सच्चे साधु नहीं हैं । .. क्या तुम उन्हें पहले से जानते हो ? - मैंने आश्चर्य से पूछा । नहीं... ..तुम्हें ऐसा क्यों लगा ? ....मेरे पिताजी कहते हैं आज कोई भी साधु सच्चे नहीं हैं । .....क्यों क्या कमी है ? ....वे २८ मूलगुणों का पालन नहीं करते । ......अरे वाह ! तुम्हें तो बड़ा ज्ञान है । जरा बताओ २८ मूलगुण क्या होते हैं ? ......नहीं पता - उसका मासूम सा उत्तर था । मैंने पूछा ...जब तुम्ह