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डॉ अनेकान्त जैन को राष्ट्रपति सम्मान

सादर प्रकाशनार्थ   युवा विद्वान डॉ अनेका न्त जैन को राष्ट्रपति सम्मान दिनांक 17 जनवरी २०१४ को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ,नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी जी ने उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष २०१३ का   ‘महर्षि वादरायण व्यास ’ - युवा राष्ट्रपति सम्मान युवा विद्वान डॉ अनेकान्त कुमार जैन ,नई दिल्ली को अपने करकमलों से प्रदान किया | ज्ञातव्य है कि डॉ.जैन प्राच्य विद्या के प्रख्यात मनीषी बी.एल.इंस्टीट्यूट ऑफ इंडोलॉजी,नई दिल्ली के वर्तमान शैक्षिक निदेशक प्रो.डॉ.फूलचंद जैन प्रेमी जी तथा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय ,वाराणसी में जैन   दर्शन विभाग में सम्प्रति कार्यरत,ब्राह्मीलिपि लिपि की विशेषज्ञ विदुषी श्रीमती डॉ मुन्नी पुष्पा जैन के ज्येष्ठ सुपुत्र हैं | डॉ. जैन अपनी इस उपलब्धि में अपने मात-पिता,गुरुजनों का विशेष योगदान मानते हैं | डॉ अनेकान्त कुमार जैन वर्तमान में श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ (मानित विश्वविद्यालय),नई दिल्ली में जैनदर्शन विभाग में सहायक आचार्य के रूप में क

जैन अल्पसंख्यक, तो आप नाराज क्यूँ हैं ?

सादर प्रकाशनार्थ जैन अल्पसंख्यक, तो आप नाराज क्यूँ हैं ? डॉ अनेकान्त कुमार जैन ,नई दिल्ली केंद्र सरकार ने जैन समाज को केंद्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक घोषित कर के एक ऐतिहासिक फैसला लिया है और जैनों को उनके मौलिक अधिकारों से जिससे वे शुरू से ही वंचित थे ,पूर्ण बना दिया है |इस ऐतिहासिक फैसले को लेकर जहाँ एक तरफ जैन समाज में चारों तरफ खुशी की लहर व्याप्त है वहीँ दूसरी तरफ कुछ संगठनों में और राजनैतिक पार्टियों में अंदर ही अंदर आक्रोश भी दिखाई दे रहा है | हमारे कुछ एक मित्र जिनमें जैन भी है और अन्य भी मुझे फोन करके कई तरह के प्रश्न कर रहे हैं |हो सकता है ऐसे प्रश्न आप सभी को भी आंदोलित कर रहे हों |मैंने उनके प्रश्नों के जबाब अपनी समझ से जो दिए वो मैं   यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ – प्रश्न –हेलो,बधाई हो ,आप जैन लोग अल्पसंख्यक हो गए हैं | उत्तर-धन्यवाद ,संवैधानिक रूप से जैन आज जाकर   अल्पसंख्यक घोषित हुए हैं,थे तो पहले से ही | प्रश्न –ये बताइए,कहीं आप मुसलमान तो नहीं हो गए ? उत्तर – आप विद्वान हैं ,क्या अल्पसंख्यक शब्द का यही अर्थ लगाते हैं ?बौद्ध ,ईसाई,सिक्ख,पारसी..भी तो अल्पसंख्

Mahanirvaan se Raushan Diya

Mahaveer aur gautam gandhar ka parv

शुद्धात्मा का अनुष्ठान दशलक्षण पर्व

आत्मानुभूति का साधन है दशलक्षण महापर्व

Prakrit language and literature in the age of Information Tecnology