लघुकथा *संकल्प शक्ति* ©कुमार अनेकान्त मैं प्रधानमंत्री बनना चाहता हूँ ,क्या मेरे भाग्य में ऐसा कुछ लिखा है ? ज्योतिषी जी को अपनी कुंडली दिखाते हुए एक युवक ने पूछा । बन सकते हो मगर एक अड़चन है । क्या ? युवक ने अचरज भरे शब्दों में पूछा । ज्योतिषी जी ने कहा - संकल्प शक्ति का अभाव है ,आत्म विश्वास की कमी दिखाई दे रही है ,नहीं तो राज योग तो बड़ा प्रबल है । युवक बोला - लेकिन महाराज मेरे हिसाब से अंदर इन दोनों की कमी बिल्कुल भी नहीं है और फिर भी कोई कमी हो तो आप बताएं । *अगर तुम्हारे अंदर ये दोनों होते तो इस तरह कुंडली लेकर अपना भाग्य नहीं पूछते फिरते*- ज्योतिषी जी ने युवक को तर्क देते हुए समझाया ।