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आचार्य महाप्रज्ञ की दृष्टि में गोमटेश्वर' -डॉ अनेकान्त कुमार जैन

'आचार्य महाप्रज्ञ की दृष्टि में गोमटेश्वर' -डॉ अनेकान्त कुमार जैन , नई दिल्ली कर्नाटक के श्रवणबेलगोला में स्थित विश्व प्रसिद्ध भगवान गोमटेश्वर बाहुबली की दिगम्बर खड्गासन प्रतिमा के जो भी दर्शन करता है वह अभिभूत हो जाता है । श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के यशस्वी आचार्य महाप्रज्ञ जी जब आचार्य श्री तुलसी जी के साथ श्रवणबेलगोला ,कर्नाटक के सुप्रसिद्ध गोमटेश्वर की प्रतिमा के सम्मुख 15 मई 1969  को ज्येष्ठ कृष्णा चतुर्दशी के दिन पधारे थे तब गोमटेश बाहुबली की विशाल प्रतिमा के दर्शन करके उन्होंने संस्कृत श्लोक के माध्यम से भगवान गोमटेश की मूर्ति को देख कर अपनी भक्ति अपनी दार्शनिक शैली में प्रकट की है । वे गोमटेश्वर की प्रतिमा के विभिन्न अंगों को अनंत शक्ति का स्रोत बताते हुए कहते हैं - शक्तिर्व्यक्तिं याति बाहुद्वयेन,ज्ञानालोको मस्तकस्थो विभाति । आलोकानां माध्यमं चक्षुरेतत् , मोहाSभावो  व्यज्यते पुंस्कचिन्है: ।। अर्थात् मनुष्य अनंत शक्ति का स्रोत है उसकी मुख्य शक्तियां चार हैं -ज्ञान ,दर्शन ,वीर्य और पवित्रता । मनुष्य के शरीर में इन चारों शक्तियों की अभिव्यक्ति के चार स्थ...

इस कहानी के माध्यम से मैं कुछ कहना चाहता हूँ ००००

इस कहानी के माध्यम से मैं कुछ कहना चाहता हूँ ०००० डॉ अनेकान्त कुमार जैन ,नई दिल्ली  किसी की प्रेरणा से उसने मंदिर आना शुरू ही किया था , पहले ही दिन किसी काले पुजारी ने उसे काली टी शर्ट के लिए उसे बहुत बुरी तरह से टोक दिया , उसे लगा यदि काला रंग इतना अशुभ है तो काली चमड़ी के मनुष्यों को भी पूजा नहीं करनी चाहिए एक दिन वह रात में मंदिर आया और घंटा बजाया तो किसी ने उसे रात में घंटा बजाने से यह कह कर मना किया कि इससे हिंसा होती है  और शोर होता है,वह मान गया । बाद में उसने मंदिर में ही रात को सांस्कृतिक कार्यक्रमों में ढ़ोल मजीरे आर्केस्ट्रा बजते देखा तो उसे बहुत बुरा लगा, ये दोहरे मानदंड देखकर । उसने प्रवचन में सुना कि धन संग्रह नहीं करना चाहिए ,और ज्ञान का अभ्यास करना चाहिए , फिर प्रवचन के बाद उसने करोड़ो की बोलियां सुनी और सबसे बड़े परिग्रही का सम्मान ,ज्ञानी पंडित जी से ज्यादा होते देखा तो उसका कंफ्यूजन बढ़ गया । एक दिन मंदिर में पूजा के दौरान  अचानक उसका मोबाइल बजने लगा...... हद तो तब हुई जब पूजा समाप्त हुई तो सभी पुजारियों ने उसे बुरी तरह ज़लील कर दिया .... ...