'दुष्ट स्वभावी को सम्यक्त्व नहीं होता' खुद्दो रुद्दो रुठ्ठो , अणिट्ठ पिसिणो सगव्वियो-सूयो । गायण-जायण-भंडण-दुस्सण-सीलो दु सम्म-उमुक्को ।। आचार्य कुन्दकुन्द ,रयणसार,44 अनेकान्तानुवाद - छोटे मन वाले क्रोध के स्वामी हर बात पर नाराज होते पर अनिष्ट इच्छाधारी चुगली करते फिरते ईर्ष्या में डूबे रहते अभिमान के शिखर पर चढ़ते कलह में आनंद लेते याचना में गीत गाते दूसरों पर दोष देते इस प्रवृत्ति के मुमुक्षु सम्यक्त्व से हैं रहित होते गाथार्थ - क्षुद्र और रौद्र(क्रोध) स्वभाव वाले , बात बात पर रुष्ट (नाराज )होने वाले,दूसरों का अनिष्ट चाहने या करने वाले , चुगलखोर, अभिमानी,ईर्ष्यालु,गायक,याचक,कलह करने वाले और दूसरों को दोष लगाने वाले----ये सब सम्यक्त्व रहित होते हैं । प्रस्तुति - डॉ अनेकान्त कुमार जैन , नई दिल्ली