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जैन अल्पसंख्यक, तो आप नाराज क्यूँ हैं ?

सादर प्रकाशनार्थ जैन अल्पसंख्यक, तो आप नाराज क्यूँ हैं ? डॉ अनेकान्त कुमार जैन ,नई दिल्ली केंद्र सरकार ने जैन समाज को केंद्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक घोषित कर के एक ऐतिहासिक फैसला लिया है और जैनों को उनके मौलिक अधिकारों से जिससे वे शुरू से ही वंचित थे ,पूर्ण बना दिया है |इस ऐतिहासिक फैसले को लेकर जहाँ एक तरफ जैन समाज में चारों तरफ खुशी की लहर व्याप्त है वहीँ दूसरी तरफ कुछ संगठनों में और राजनैतिक पार्टियों में अंदर ही अंदर आक्रोश भी दिखाई दे रहा है | हमारे कुछ एक मित्र जिनमें जैन भी है और अन्य भी मुझे फोन करके कई तरह के प्रश्न कर रहे हैं |हो सकता है ऐसे प्रश्न आप सभी को भी आंदोलित कर रहे हों |मैंने उनके प्रश्नों के जबाब अपनी समझ से जो दिए वो मैं   यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ – प्रश्न –हेलो,बधाई हो ,आप जैन लोग अल्पसंख्यक हो गए हैं | उत्तर-धन्यवाद ,संवैधानिक रूप से जैन आज जाकर   अल्पसंख्यक घोषित हुए हैं,थे तो पहले से ही | प्रश्न –ये बताइए,कहीं आप मुसलमान तो नहीं हो गए ? उत्तर – आप विद्वान हैं ,क्या अल्पसंख्यक शब्द का यही अर्थ लगाते हैं ?बौद्ध ,ईसाई,सिक्ख,पारसी..भी तो...