जैनदर्शन विभाग की गौरव 'पूज्य आर्यिका अंतसमति माता जी' कल सहसा प्रातःकाल रीतेश जी से सूचना मिली कि आर्यिका अंतस्मति माता जी चांदनी चौक स्थित श्री दिगम्बर जैन लाल मंदिर में विराजमान हैं । संयोग भी ऐसा बना कि कल ही शाम को उनके दर्शनार्थ हम सपरिवार वहां पहुंच भी गए । जब हम पहुंचे तब 71 वर्षीय पूज्य आर्यिका अंतसमति माता जी स्वाध्याय में मग्न थीं । हमारे पहुंचते ही वे भाव विभोर हो गईं और पहला वाक्य उन्होंने यही कहा कि गृहस्थावस्था में श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के जैनदर्शन विभाग में आप गुरु जनों से जो जैन शास्त्रों की शिक्षा प्राप्त की उसका उपयोग में निरंतर समाज में ज्ञान प्रचार के लिए कर रहीं हूँ और गोम्मटसार आदि ग्रंथों की कक्षाएं लेती हूं । चर्चा के दौरान ही डॉ रुचि जैन ने उनकी छात्रावस्था के दिनों की याद करना भी शुरू कर दिया । वास्तव में यह एक प्रेरणादायक प्रसंग है कि 60 से भी अधिक वर्ष की सरोज जैन जो 7 प्रतिमा को लेकर गृहस्थ साधना कर रहीं थीं ,ने जैन दर्शन विभाग में आचार्य प्रथम वर्ष (MA )में प्रवेश लिया और गाज़ियाबाद से प...